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लेखनी कविता-03-Dec-2023

दैनिक प्रतियोगिता हेतु


अच्छी चल रही है शायद जिंदगी मेरी,
बरसों बाद वो मुझे सताने आ रहे हैं।
 
सुबह से दिल में हलचल मचा हुई है,
कि मिलने मुझे दोस्त पुराने आ रहे हैं।

कालेज के बाद जो गुमशुदा हो गए थे।
अभी जिंदा हैं, यह बात बताने आ रहें हैं।

होंठों पर गुनगुनाहट का शोर मचा हुआ है।
याद मिलकर गाए सब तराने आ रहें हैं।

वर्षों बाद फिर जिएंगे कालेज वाली जिंदगी।
बेरंग जिंदगी में फिर से रंग जमाने आ रहे हैं।

#दैनिक प्रतियोगिता

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2 Comments

Gunjan Kamal

05-Dec-2023 11:33 PM

👏

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Dilawar Singh

04-Dec-2023 08:42 AM

Very nice thoughts

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